जबलपुर
हिमालय से माइग्रेट होकर आने वाले पक्षी हिमालयन रूबी थ्राट को प्रदेश का कान्हा टाइगर रिजर्व लुभा रहा है। यहां पर लंबे समय बाद इस दुर्लभ प्रवासी पक्षी की चहक जंगल में गूंज रही है। पक्षी के दर्शन होने के बाद सबसे ज्यादा उत्साह पक्षी विशेषज्ञों के साथ रिजर्व के अधिकारियों में देखा जा रहा है।

बताते हैं कि हाल ही में हुए बर्ड सर्वे के दौरान करीब पक्षी विशेषज्ञों जंगल के कोर एवं बफर जोन में पहुंचकर इन पक्षियों की अलग-अलग प्रजातियों को आईटेंटिफाई भी कर दिया है। हिमालयन रूबी थ्राट के अलावा जिफ्रान वल्चर, हिमालयन वल्चर, ब्लेक नेपड ओरियल, फायर कापेड टिट, बार विंग फायर केचर जैसी बहुत कम दिखाई देने वाली प्रजाति देखी गई। हालांकि इन सभी पक्षियों की संख्या का आकंलन अभी सर्वे करने वाली वाइल्ड लाइफ एडं नेचर कन्वेंसी इंदौर एवं सिंघीनावा कंजरवेशन फाउंडेशन के सदस्य करने में जुटे हुए हैं।

सर्वे करा रही संस्था के सदस्य सुरेंद्र बागड़ा ने बताया इस सर्वे में अनुभव के आधार बनाते हुए देश के 11 राज्यों से 85 पक्षी विशेषज्ञ को चुना गया था। सर्वे का मुख्य उद्देश्य प्रवासी और स्थानीय पक्षियों की गणना करना, इस तरह के सर्वे से पक्षियों के बारे में अधिक जानकारी इकट्ठा करना।  उनके प्राकतिक आवास, व्यवहार में कोई बदलाव आदि का अध्ययन करना था।

कान्हा पार्क के सुपरिटेंडेंट सुधीर मिश्रा ने बताया कि पूरा सर्वे लाइन ट्रांजिट मेथड से किया गया। इस तरह के सर्वे से विभाग को डेटा इकट्ठा करने में मदद मिलती है तथा निष्कर्ष के अनुसार कार्ययोजना तैयार करने में मदद मिलेगी।

Source : Agency